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कुलपति प्रो राजेन्द्र प्रसाद को बदनाम करने की साजिश

 (प्रकाशनार्थ)



विश्वस्त सूत्र से सर्वविदित है कि दूरस्थ शिक्षा विभाग  में चार कर्मचारियों -  बालेंद्रकुमार, अंशु यादव, अनुज श्रीवास्तव और रूपेश कुमार की नियुक्ति दूरस्थ शिक्षा विभाग के निदेशक प्रो सुशील कुमार सिंह  की संस्तुति पर स्ववित्तपोषित कर्मचारी के रूप में हुई है, जिसपर सेंट्रल अड्वाइज़री बोर्ड, सिंडिकेट और सीनेट ने अनुमोदित किया है।यह बात पूरी तरह से निराधार और असत्य है कि कुलपति प्रो राजेन्द्र प्रसाद ने उक्त चारों कर्मचारियों को संविदाकर्मी के रूप में नियुक्ति की है। इसके पूर्व भी मगध विश्वविद्यालय के  सभी कुलपतियों ने स्ववित्तपोषित विभागों में इसी प्रकार  आवश्यकतानुसार प्रभारी/ निदेशक की माँग व संस्तुति पर कर्मचारियों की नियुक्तियों को स्वीकृति प्रदान किया है। एक साज़िश के तहत कुलपति प्रो राजेन्द्र प्रसाद को बदनाम किया जा रहा है। वर्तमान निदेशक प्रो सुशील कुमार सिंह और दूरस्थ शिक्षा विभाग के पूर्व के निदेशकों ने आवश्यकतानुसार दूरस्थ शिक्षा विभाग में ऐसी नियुक्ति करवाई है। क़ुलसचिव , मगध विश्वविद्यालय द्वारा उक्त स्ववित्तपोषित कर्मचारियों का वेतन रोकना उचित नहीं है, उस पर पुनर्विचार आवश्यक है।ये संविदकर्मी नहीं हैं।



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