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समाजसेवी भाजपा नेत्री संगीता सिंह चुनावी मैदान में उतरने को तैयार, पीएम मोदी को बताया राम का अवतार

 समाजसेवी भाजपा नेत्री संगीता सिंह चुनावी मैदान में उतरने को तैयार, पीएम मोदी को बताया राम का अवतार


सीतामढ़ी । स्वतंत्रता सेनानी व सोनबरसा के पूर्व विधायक स्व. महमूद आलम की पुत्रवधु और समाजसेवी भाजपा नेत्री संगीता सिंह आगामी विधानसभा चुनाव में सीतामढ़ी जिले की किसी सीट से मैदान में उतर सकती हैं। बेंगलुरु में एक प्रतिष्ठित कंपनी की निदेशक संगीता सिंह ने साफ संकेत दिया कि अगर पार्टी जिम्मेदारी देती है, तो सीतामढ़ी के किसी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने को तैयार हैं। उन्होंने कहा, यहां सभी जाति, वर्ग और धर्म के लोग रहते हैं। मेरा उद्देश्य समावेशी विकास की नींव रखना है।

राजनीति में आने की प्रेरणा प्रधानमंत्री मोदी से


संगीता सिंह ने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मेरे राजनीतिक प्रेरणास्त्रोत हैं। उन्होंने देश को नई दिशा दी है। आज भारत विश्व में सम्मान के साथ खड़ा है। मोदी जी केवल नेता नहीं राम के अवतार हैं, जो जनसेवा और धर्म के साथ कर्म की भावना को साथ लेकर चलते हैं।”

उन्होंने जोर देकर कहा कि भाजपा ही एकमात्र ऐसी पार्टी है जो 'सबका साथ, सबका विकास' की भावना से काम करती है। मैं इस विचारधारा से जुड़कर समाज के अंतिम व्यक्ति तक विकास पहुंचाना चाहती हूं। 

शिक्षा को बताया सबसे बड़ा हथियार

भाजपा नेत्री ने कहा कि शिक्षा ही विकास का सबसे बड़ा हथियार है। यदि युवाओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और रोजगार का अवसर उनके जिले में ही मिले, तो न केवल उनका भविष्य उज्ज्वल होगा बल्कि प्रवास की समस्या भी कम होगी।

मां जानकी मंदिर के शिलान्यास पर जताई खुशी

संगीता सिंह ने सीतामढ़ी के पुनौरा धाम में मां जानकी मंदिर के पुनर्निर्माण और भव्यता प्रदान करने के निर्णय को ऐतिहासिक बताते हुए प्रधानमंत्री, गृह मंत्री, मुख्यमंत्री और सीतामढ़ी सांसद का आभार जताया। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ एक धार्मिक कार्य नहीं, बल्कि मिथिला की सांस्कृतिक पहचान को सम्मान देने का कार्य है। मिथिला की आत्मा में राम-जानकी बसते हैं, इसलिए यह शिलान्यास पूरे देश के लिए उत्सव जैसा है।

सीतामढ़ी में उच्च शिक्षा संस्थान खोलने की मांग

भाजपा नेत्री ने प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, मुख्यमंत्री और सीतामढ़ी सांसद से मांग की कि मिथिला क्षेत्र विशेषकर सीतामढ़ी में "सियाराम मेडिकल कॉलेज", "सियाराम इंजीनियरिंग कॉलेज", और "सियाराम सॉफ्टवेयर पार्क" की स्थापना की जाए। उन्होंने कहा, हमारे क्षेत्र के बच्चे मजबूरी में बाहर जाते हैं। यदि उन्हें यहीं अवसर मिलेगा, तो वे बेहतर भविष्य बना सकेंगे।

उन्होंने मांग की कि इन संस्थानों में मिथिला के छात्रों के लिए 25 प्रतिशत आरक्षण सुनिश्चित किया जाए ताकि क्षेत्रीय प्रतिभाओं को समुचित अवसर मिल सके।

संगीता सिंह की सक्रियता और सामाजिक सरोकारों को देखते हुए यह स्पष्ट है कि वह न केवल चुनावी राजनीति के लिए तैयार हैं, बल्कि एक विकासपरक और सांस्कृतिक रूप से सजग जनप्रतिनिधि के रूप में उभरना चाहती हैं। भाजपा नेतृत्व की ओर से अगर उन्हें जिम्मेदारी सौंपी गई राजनीतिक समीकरणों में बड़ा परिवर्तन देखने को मिल सकता है।

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