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सात सूत्री मांगों के साथ निजी विद्यालय की बैठक सम्पन्न

 प्रेस विज्ञति

दिनांक : 29-01-2022

सीतामढ़ी

06 फरवरी 2022 तक विद्यालयों को खोलने का दिशानिर्देश पारित करे राज्य सरकार अन्यथा राज्य व्यापी शिक्षा आंदोलन की होगी शुरुआत : बिटू विश्वास झा| 



.... निजी विद्यालयों को पुनः संचालित करने हेतु देर क्या ?

-- बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ क्या ?

... क्या शिक्षकों को रोजगार हेतु पलायन कराने का है उद्देश्य ?

... निजी विद्यालयों के परिसर में बिहार बोर्ड का परीक्षा आयोजित करने से कोरोना नहीं होगा और कक्षा का सञ्चालन से कोरोना हो जायेगा?

सीतामढ़ी : बिहार राज्य सरकार के निजी विद्यालयों के तरफ उदासीन रवैय्ये पर सवालिया निशान लगाते हुए प्राइवेट स्कूलस एंड चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष बिट्टू विश्वास झा ने कहा की राज्य सरकार की आखिर मंशा क्या है ? क्यों बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है ? बिहार बोर्ड के द्वारा सभी सरकारी विद्यालयों में मैक्टिकल परीक्षाएं भौतिक तौर पर करवाई गयी है और तत्पश्चात सभी निजी विद्यालयों में बिहार बोर्ड का परीक्षा केंद्र जयरन कोरोना गाइडलाइन के सभी मनको को ताख पर रखकर करवाई जा रही है जिसके लिए किसी भी निजी विद्यालयों को फूटी कौड़ी भी नहीं दी जा रही है। कोरोना महामारी के आड़ में सभी निजी विद्यालय संचालको को जबरन विवश कर के उनका विद्यालय में परीक्षा केन्द्र बनाया जा रहा है।

जिला अध्यक्ष बिट्टू विश्वास झा ने कहा की सबसे बड़ा सवाल ये उठता है की जब बिहार बोर्ड की परीक्षा निजी विद्यालयों में कराई जाएगी तब बच्चों को कोरोना नहीं होगा और जब इन्ही निजी विद्यालयों में कक्षाओं का सञ्चालन होगा तो बच्चों को कोरोना हो जायेगा? 


WHO ने साफ़ तौर से स्पष्ट कर दिया है कोरोना को ले कर विद्यालयों को बंद रखने का कोई औचित्य ही नहीं है और जय महाराष्ट्र जैसे राज्य जहाँ ओमीक्रॉन का संक्रमण सबसे ज्यादा है यहाँ जब राज्य सरकार के द्वारा विद्यालय खुल चुके है लय बिहार में विद्यालय क्यों नहीं खुल रहे है?

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जिला अध्यक्ष बिटू विश्वास झा ने कहा की सिनेमा हॉल , यातायात सभी दुकाने तथा सभी कार्यालय पूर्णतः संचालित है परन्तु विद्यालयों को पुनः संचालित करने पर सरकार के द्वारा पावन्दी नहीं हटाई गयी है । यह बताना भी उचित है की इन्ही निजी विद्यालयों में सरकार कोरोना काल से ले कर आज तक लगातार परीक्षाओं का आयोजन करया रही है और उन परीक्षाओं के आयोजन हेतु परीक्षार्थियों से पंजीकरण के नाम पर मोटी रकम भी वसूल रही है परन्तु किसी भी निजी विद्यालयों को एक फूटी कौड़ी भी नहीं दी जा रही है और

मुफ्त में सभी निजी विद्यालयों के भवनों को इन परीक्षाओ को संचालित करवाने हेतु इस्तेमाल किया जा रहा है । एसोसिएशन राज्य

सरकार से पूछना चाहता है की क्या कोरोना महामारी सिर्फ निजी विद्यालयों के सञ्चालन के लिए ही है और आपके कार्यो के लिए क्या

कोरोना नहीं है?

जिला अध्यक्ष बिटू विश्वास झा ने कहा की राज्य सरकार के इस उदासीन रैवाईये को देखते हुए अब निजी विद्यालयों के संचालक ,

शिक्षक शिक्षिकाएं एवं कर्मचारीगण राज्य व्यापी आंदोलन करने के लिए बाध्य हो गए है | यदि 06 फरवरी 2022 के पहले विद्यालयों को

संचालित करने हेतु आदेश पारित नहीं किया गया तो सभी 38 जिला के निजी विद्यालय संचालक, शिक्षक शिक्षिकाएं एवं कर्मचारी विशाल आंदोलन करने पटना जायगे| जिसकी पूरी जिम्मेदारी राज्य सरकार एवं शिक्षा विभाग की होगी | 


क्या सरकार किसान आंदोलन की तरह शिक्षा आंदोलन के लिए शिक्षकों एवं शिक्षिकाओं को बाध्य करना चाहती है ?



- प्राइवेट स्कूल एंड चिल्ड्रन वेलफेयर एसोसिएशन के सात सूत्री मांगे निम्नलिखित है :- 

1} निजी विद्यालयों को संचालित करने का आदेश 06 फरवरी 2022 के पहले अविलम्ब पारित किया जाये ।

2} राज्य सरकार निजी विद्यालयों का सभी टैक्स की राशि को माफ करने हेतु उचित दिशानिर्देश पारित करे। बिजली का बिल ,

ट्रांसपोर्ट में लगने वाले विभिन्न प्रकार के टैक्स को माफ किया जाए एवं बैंक के ईएमआई पर लगने वाले व्याज को नहीं लिया जाए।

3} बिहार बोर्ड एवं बिहार सरकार के दिशानिर्देश से निजी विद्यालयों के भवनों में संचालित होने वाली परीक्षाएं में भवती का इस्तेमाल वर्षों में निःशुल्क किया जा रहा है जो न्यायसंगत नहीं है । यदि बिहार बोर्ड अपना बोर्ड परीक्षा एवं बिहार सरकार विभिन्न परीक्षाएं निजी विद्यालयों में संचालित करना चाहती है तो उन्हें भवन इस्तेमाल करने का शुल्क देना पड़ेगा जो संघठन के द्वारा तय किया जाएगा अन्यथा निजी विद्यालय संचालक अपना भवन परीक्षा सञ्चालन हेतु बिहार बोर्ड एवं बिहार सरकार को नहीं देंगे।

4} जल्द से जल्द शिक्षा के अधिकार की राशि सभी निजी विद्यालयों को निर्गत करने हेतु उचित दिशानिर्देश बिहार राज्य के शिक्षावि भाग को देने की कृपा करें।

5} सभी निजी विद्यालयों के भवनों का किराया माफ़ करने हेतु उचित दिशानिर्देश जारी करने की कृपा करे।

6} निजी विद्यालयों को पुनस्थापना हेतु उधित पैकेज की घोषणा की जाये ताकि लार्वा शिक्षक शिक्षिकाओं एवं कर्मचारियों का भविष्य अंधकार में जाने से बच सके साथ ही विद्यार्थियों को भी शिक्षा का लाभ निरंतर मिल सके।


7} सरकारी स्कूलो में प्रति बघ्या प्रतिमाह खर्च के आधार पर प्रत्येक प्राइवेट स्कूलों को उसके बयों की संख्या अनुसार विद्यालय अकाउंट में एक वर्ष का विशेष आर्थिक सहायता राशि उपलब्ध कराने का प्रावधान बनाकर अतिशीघ्र सहायता राशि सभी निजी विद्यालयों को  उपलब्ध कराने का कष्ट करें।





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