Ticker

7/recent/ticker-posts

TOP

जिला से शुरू कर मंत्री तक बन ने वाली बाजपट्टी की बहू को #अंतराष्ट्रीय_महिला_दिवस की शुभकामना

 जिला परिषद सदस्य से मंत्री तक बनी डा रंजू गीता




सीतामढ़ी- डॉ रंजू गीता सशक्त महिला के रूप मे अपनी पहचान बना चुकी है। उच्च शिक्षा (पी एच डी) की उपाधि प्राप्त रंजू ने जब राजनीति में कदम रखा तो पीछे मुड़ कर नहीं देखा। कुशल नेतृत्व एंव विभिन्न प्रतिभाओं की धनी बाजपट्टी से निकल पुरे राज्य और देश में अपनी अलग पहचान न सिर्फ बनाई, बल्कि लोगों में अपनी पैठ बनाने मे कामयाब हुई। 2005 मे शुरू की राजनीति सफर में बुलंदियों को छुती चली गई। 2005 में जिला परिषद सदस्य बनी, 2008 मे सीतामढ़ी जिला परिषद अध्यक्ष बनी। 2010 मे विधायक चुनी गईं, बिहार सरकार मे मंत्री बनाई गई। अपने काम और नाम के दम पर 2015 मे फिर से विधायक बनी। इनके काम की चर्चा पुरे बिहार मे होने लगी। वहीं जदयू एंव नीतीश जी पर इनका खासा प्रभाव पड़ा । रंजू के कुशल नेतृत्व क्षमता को जदयू ने गंभीरता से लिया। यही कारण है था कि जब जदयू ने पार्टी की एक नई शाखा ' समाज सुधार वाहिनी ' का गठन किया, जिसका मकसद राज्य भर में लोगों को समाजिक कुरीतियों के खिलाफ जागरूक करना और नीतीश सरकार के द्वारा किए गए समाजिक सुधारों के बारे मे लोगों के बीच जागरूकता फैलाना है। इस महत्वपूर्ण वाहिनी की जिम्मेदारी रंजू गीता को सौंपी गई थी। रंजू ने अपने कुशल नेतृत्व की छाप छोड़ते हुए पुरे राज्य में वाहिनी को खडा किया । शराबबंदी और दहेज व बाल विवाह के खिलाफ अभियान चलाया, लोगों मे जागरूकता पैदा की। 

यही नही डॉ रंजू गीता ने महिला दिवस के पूर्व संध्या बताया कि महिला जब तक शिक्षित नही होगी तब तक सशक्त नही होगी। क्योंकि एक महिला का शिक्षित होना परिवार और समाज का शिक्षित होना है। समय निकाल महिलाओं को साक्षर बनाने का प्रयास भी करती है। इसके लिए यदा कदा महिलाओ को पढ़ाती है। उन्होंने बताया कि सदस्यता अभियान चलाने के क्रम में देखा कि महिलाएं सदस्यता रशीद पर हस्ताक्षर नही कर पा रही है बल्कि निशान लगा रही है। उसके बाद प्रेरणा मिली कि मैं भी समय निकाल महिलाओं को साक्षर बनाऊ। हालांकि बदलते युग में महिलाएं शिक्षित हुई हैं, अब वह भी किसी से पीछे नही


Post a Comment

0 Comments