{ prime news reporter} सोनबरसा मुख्यालय पंचायत स्थित अपहृत एक दवा बयवासाई को अपहरणकर्ताओं ने पुलिसिया दविश पर पांचवे दिन गुरुवार को अहले सुबह बिना शर्त मुक्त कर दिया। प्रखण्ड मुख्यालय पंचायत के चिलरी गांव निवासी दवा बयवासाई साइकिल सवार कामेश्वर राय को दो बदमाशो ने शनिवार कि देर शाम घर लौटने के दौरान रास्ते में घेराबंदी कर अपने कब्जे में लेकर उनके आंख पर पट्टी और दोनो हाथ पीछे बांधकर बंधक बना लिया था। उनकी खोजबीन के दौरान सोनबरसा मलंगवा पथ पर दवा बयवासाई का साइकिल जूता और चश्मा पड़ा मिला। जिसकी सूचना पर तत्काल थानाध्यक्ष शंभूनाथ सिंह दलबल के और उनके परिजन नेपाल बॉर्डर के संदिग्ध स्थानों पर खोजने पहुंचे। किंतु दिनभर में कही उनका पता नही चला।
इसी बीच एसपी मनोज कुमार तिवारी एस एस एस सावन दस्ता के साथ अपहृत दवा बहवासाई का पता लगाने का अथक प्रयास किया। बावजूद कोई सफलता हाथ नहीं लगी। पिता का अपहरण को लेकर पुत्र उमेश राय ने थानाध्यक्ष को एक आवेदन दिया था। जिसमे सोनबरसा वार्ड 11 निवासी त्रिभुवन महतो का पुत्र राजेश कुमार के अलावा चार अज्ञात के विरुद्ध केस दर्ज करने का अनुरोध किया था।एसपी के निर्देश पर सोनबरसा थानाध्यक्ष के साथ कन्हौली थानाध्यक्ष गौरीशंकर बैठा ने गोपनीय सूत्र से मिले अपहृत के मोबाइल नंबर के लोकेशन के आधार पर नेपाल के सरलाही जिला मुख्यालय मलंगवा एसपी से अपहृत दवा बयवासाई कि खोज के लिए सहयोग कि मांग किया।
सदर डी एस पी रामकृष्ण ने बताया की एसपी के पहल पर एक इस आई टी टीम का गठन कर कई थाना कि पुलिस ने चिन्हित ठिकानों पर लगातार छापेमारी में जुटी रही। जिसके दविश में अपहरण कर्ताओं ने गुरुवार को अहले सुबह बेला थानाक्षेत्र से सटे कांहवा सामसी बॉर्डर बस स्टैंड पर दवा बयवासाई दहशत जदा स्थित में मिले। सूचना पर उनके परिजन भी मौके पर पहुंच गए। अपहृत दवा बयवासाई ने पूछताछ के दौरान बताया की सोनबरसा से घर जाते समय सोनबरसा मलंगवा पथ के निर्माणाधीन इंडो नेपाल पथ पर दो लोगो ने घेर कर तुरंत आंख पर पट्टी बांध और दोनो हाथ को पिछेकर बांध कर लगभग डेड घंटे तक सोनबरसा बॉर्डर पर बंधक बनाकर रखा। उसके बाद दोनो एक बाइक पर बैठकर डेढ़ घंटे तक चलकर दूर ले गए। वहा पर लगातार पांच रात चार दिन तक आंख पर पट्टी बांधकर रखे थे। सुबह शाम दूध रोटी खाने को देते रहे। मैं बार बार उन लोगो से कहता रहा की एक माह पूर्व आंख का आपरेशन हुआ है मैं तीन तीन बीमारी का शिकार हु। मुझे छोड़ दीजिए। किस कारण से उन दोनो ने अपहरण किया ? इसके संबंध में दवा बयवासाई ने कुछ नही बताया। किस आधार पर पांचवे दिन उन्हें छोड़ा गया इसकी भी वास्तविक जानकारी पुलिस को भी नही मिली।
सोनबरसा , एस। सदर डी एसपी रामकृष्ण ने बताया कि अपहृत दवा बयवासाई को मुक्त कराने में पुलिस को बहुत बड़ी सफलता मिली है। बावजूद मामले का अनुसंधान के दौरान अपहरण कांड से जुड़े कई बिंदुओं पर पुलिसिया करवाई जारी है। घटना का अंजाम देने वालो की शीघ्र गिरफ्तारी भी होगी। जिसके लिए पुलिस तत्परता से कार्य में जुटी है।
सोनबरसा बिना शर्त अपहृत दवा बयवासाई को रिहा करना किसी को पच नहीं रहा है। दबे जुबान लोगो में चर्चा है कि अपहरण कर्ताओं ने अपहृत कामेश्वर राय के।परिजनो से अपह्रण कर्ताओं ने मोटी राशि लेने के बाद उन्हें मुक्त किया गया है। जबकि परिजन फिरौती देने से इंकार कर रहे है।
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