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सरोज राय का डे/ड बॉडी रविवार को उसके गांव महिन्दवारा थाना क्षेत्र के बतरौली पहुंचा


( प्राइम न्यूज़ रिपोर्टर )  रून्नीसैदपुर पुलिस मुठभेड में मारे गये सीतामढ़ी के कुख्यात अपराधी सरोज राय का डेड बॉडी रविवार को उसके गांव महिन्दवारा थाना क्षेत्र के बतरौली पहुंचा जहां उसका अंतिम संस्कार किया गया है.हरियाणा के गुरुग्राम में बिहार एसटीएफ और हरियाणा क्राइम ब्रांच की टीम ने संयुक्त ऑपरेशन के दौरान कुख्यात सरोज राय को मार गिराया था. अपराधी सरोज राय का डेड बॉडी पहुंचते हीं उसके परिवार में कोहराम मच गया.उसके बड़े भाई शैलेंद्र कुमार राय ने उसे मुखाग्नि दी.मृतक सरोज राय के परिवार में उसके पिता बालेश्वर राय, माता सिया देवी, बड़ा भाई शैलेंद्र कुमार के अलावा बहन सुषमा कुमारी एवं खुशबू कुमारी है. जबकि सरोज अपने चार भाई-बहनों में सबसे छोटा था .जानकार बताते हैं कि डॉन बनने की मनसूबा पाले सरोज राय ने अपराध की दुनिया में 13 वर्ष की उम्र में ही हत्या करने के साथ कदम रखा था.शुरूआती दिनों में उसका संबंध कूख्यात चिरंजीवी सागर से बना. लम्बे समय से जेल में सजा काट रहे चिरंजीवी सागर भी उसके पड़ोस के गांव हाजीपुर बसंत का निवासी है.सरोज राय ने हत्या समेत कई वारदातों को अंजाम दिया.सरोज राय ने नवमी कक्षा में एमपी हाई स्कूल डुमरा में दाखिला लिया था लेकिन वर्ष 2012 में दसवीं कक्षा में जाते ही उसने पढ़ाई छोड़ दी थी. इस दौरान वह सीतामढ़ी के एक लॉज में रहता था. कम उम्र में ही उसने कई वारदातों को अंजाम दिया. कई बार पकड़ा भी गया किंतु अपने नाबालिक होने का फायदा उठाकर वह जेल जाने से बचता रहा और जुवेनाइल एक्ट का लाभ उठाकर वह रिमांड होम भेज दिया जाता,जहां से वह फरार हो जाता था. जानकार सूत्रों की माने तो सरोज राय दो बार पुलिस हिरासत से और चार बार रिमांड होम से फरार हो चुका था.वर्ष 2014 के 31 दिसंबर की रात सीतामढ़ी के दवा व्यवसायी यातीन्द्र खेतान की हत्या के बाद सरोज राय सुर्खियों में आया.हलाकी पुलिस ने उसे दो फरवरी 2015 को दिल्ली से गिरफ्तार करने में सफलता पायी थी.बीते पांच अक्टूबर को उसने स्थानीय विधायक पंकज मिश्रा के निजी सहायक मनीष कुमार से मोबाइल फोन पर कॉल कर रंगदारी की मांग कर डाली और विधायक को जान से मारने की धमकी भी दे दी थी.इसके बाद बिहार पुलिस ने एसटीएफ का गठन कर सरोज के ठिकानों पर लगातार छापेमारी कर रही थी.अंततः बिहार एसटीएफ एवं हरियाणा क्राइम ब्रांच की संयुक्त टीम ने संयुक्त ऑपरेशन के दौरान हरियाणा के गुरुग्राम में कुख्यात सरोज राय को ढेर कर दिया.हलाकि उसके प्रमुख सहयोगी राकेश राय आज भी पुलिस की पहुंच से बाहर है.

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