( प्राइम न्यूज़ रिपोर्टर) बाजपट्टी : रसलपुर पंचायत स्थित मदरसा रसीदिया रसलपुर टोले कुरथैया का विषय आज सुर्खियों में है. इसको ले अखबार में एक खबर छपी थी. जिसमें प्रधान मौलवी विद्यालय से नदारत रहते हैं जिसका जिक्र किया गया था. इसके कारण विद्यालय के अन्य शिक्षकों का वेतन भी भुगतान नहीं हो पा रहा है. यहां तक की शिक्षकों ने प्रभार वरीय शिक्षक को दिए जाने की मांग भी उठाई है. डीपीओ स्थापना को भी आवेदन देकर बताया गया है कि मौलवी रहमान मार्च 2024 से मदरसा में अनुपस्थित रहते हैं.
इसका खंडन करते हुए पंचायत समिति सदस्य क्षेत्र संख्या 17 रसलपुर दीप नारायण राय ने एक पत्र जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना सीतामढ़ी को लिखा है जिसमें कहा है कि मदरसा मैं प्रधान मौलवी रहमान हमेशा से मौजूद रहते हैं. वह एक बुजुर्ग व्यक्ति हैं वहां आसपास के लोगों से भी इस बात की तफ्तीश की जा सकती है जबकि उनके विद्यालय में कार्यरत अन्य शिक्षक जो कभी मदरसा नहीं जाते उनकी यह मनसा है कि उन्हें सिर्फ दरमाहा दिया जाए. बिना मदरसा चलाएं भुगतान करने के लिए प्रधान मौलवी पर दबाव बनाया जाता है. वहां पर बच्चों की संख्या बहुत कम है जिसे बढ़ाने और पढ़ाने के लिए कोई भी तैयार नहीं है. शिक्षक वर्ग दो गुटों में बट चुका है. यह आवेदन 26 मार्च 2025 को दिया गया.
वहीं दूसरा आवेदन जिला पदाधिकारी सीतामढ़ी को दो दिनों बाद दिया गया जिसमें पुनः उपरोक्त बातों की चर्चा की गई तथा इस पत्र में जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना को भी मदरसा शिक्षकों के साथ मिलकर वेतन भुगतान में गड़बड़ी किए जाने का आरोप लगाया. यह मांग की गई है कि मदरसा में उच्च स्तरीय जांच करने के बाद 1 वर्ष से लंबित वेतन का भुगतान किया जाए. जो जांच में सही पाया जाएगा. इस पर आगे की कार्यवाही की जाए.
इस पर प्रधान मौलवी रहमान ने कहा कि उनके साथ अन्य शिक्षक मदरसा चलाने में सहयोग नहीं कर रहे हैं जिसके कारण मदरसा में बच्चों की संख्या नहीं बढ़ पा रही है. अन्य शिक्षको का मुख्य लक्ष्य है केवल महीने की राशि उठाना जिसमें वह रजामंदी नहीं दिखाते इसीलिए उनका विरोध अन्य शिक्षकों द्वारा किया जाता है.
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