( Prime News Reporter) सोनबरसा : प्रखंड क्षेत्र के भारत नेपाल सीमा सोनबरसा बाजार स्थित अधवारा समूह के झीम नदी पर दो देशों की सैकड़ों महिलाएं छठ व्रत करती है। यह कोई पहली बार नहीं है। दो देशों की सैकड़ों महिलाएं सैकड़ों वर्षों से झीम नदी के किनारे छठ व्रत करती आ रही है। यह सुनकर एवं जानकर हर किसी को कुछ अजीब लग रहा है लेकिन बात सोलह आना सच है। नदी के एक किनारे भारतीय सीमा क्षेत्र के सोनबरसा पंचायत के महिला एवं दूसरी ओर नेपाली के सर्लाही जिला त्रिभुवन गांव महिलाएं छठ पर्व करती है। व्रतियों की सेवा एवं सुरक्षा का इंतजाम दोनों देशों के स्थानीय पुलिस प्रशासन व सशक्त सीमा बलों द्वारा किया जाता है।
मालूम हो ब्याह कर नेपाल गई महिलाएं करतीं है छठ
दरअसल, प्रखण्ड क्षेत्र के आसपास के गांव की हजारों लड़कियों की शादी भारतीय सीमा क्षेत्र से सटे नेपाल के गावों में हुई है। इसी कारण भारत एवं नेपाल के बीच रोटी - बेटी का संबंध कहा जाता है। भले ही नेपाल में छठ पर्व नही किया जाता है। वहां के लोगों को इस पर्व की महत्ता मालूम न हो, लेकिन भारतीय सीमा से ब्याह कर नेपाल में गई महिलाओं ने वहां छठ पर्व का अलख जगा चुकी है। शादी के बाद भारत से नेपाल गई महिलाएं की अधिकांशत: छठ कराएं है। अब नेपाल की भी अन्य महिलाएं छठ करने लगी है।
अधवरा समुह के झीम नदी पर होती है छठ पूजा
मालूम हो प्रखंड के इंडो-नेपाल बॉर्डर पर सोनबरसा बाजार स्थित है। बॉर्डर पर ही झीम नदी है। नदी नेपाल से निकलती है और भारतीय क्षेत्र यानी प्रखण्ड के विभिन्न गांवों से गुजरते हुए जिले की ओर जाती है। प्रखण्ड में इसी नदी के एक तट पर इस प्रखंड की महिलाएं तो दूसरे तट पर नेपाल की महिलाएं छठ करती है। खास बात यह कि हर वर्ष शांतिपूर्वक बिना किसी व्यवधान के छठ पर्व संपन्न होता है। पूरे उत्साह के साथ व्रतियों द्वारा पर्व मनाया जाता है। नदी के दोनों तटों पर बड़ी संख्या में महिला पुरूष रहते है। घाट का नजारा अद्भुत होता है। बीडीओ सत्येन्द्र कुमार यादव सीओ संदीप कुमार थाना अध्यक्ष शंभूनाथ सिंह ने बताया कि यहां का छठ पर्व अद्भुत है जो मुझे पहली बार दोनों देशों के महिला पुरूष छठव्रतियों को देखने का मौका मिलेगा।यह दोनों देशों को आपसी भाईचारा प्रेम स्नेह का प्रतीक है।
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