सहायक कमांडेंट सर्वेश कुमार सुमन “गृह मंत्री दक्षता पदक” से सम्मानित.
( प्राइम न्यूज़ रिपोर्टर )सुरसंड. राष्ट्रीय एकता दिवस के अवसर पर भारत सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा “होम मिनिस्टर दक्षता पदक 2025” के लिए राधाउर गांव निवासी सर्वेश कुमार सुमन को एनएसजी कमांडो के लिए चयनित किया गया है. इनके चयन से क्षेत्र में हर्ष का माहौल है. इस सूची में सीआरपीएफ की 206 कोबरा बटालियन (एक्स-एनएसजी) में पदस्थ सहायक कमांडेंट सर्वेश कुमार सुमन का नाम भी शामिल है. यह सम्मान न केवल केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल व संगठन के लिए गर्व की बात है, बल्कि जिले के लिए भी गौरव का क्षण है. वे राधाउर वार्ड संख्या नौ निवासी स्व जिनिस प्रसाद साह (एसडीओ) के पुत्र हैं. उनकी प्रारंभिक शिक्षा केंद्रीय विद्यालय जवाहरनगर सुतिहारा से, जबकि मैट्रिक जवाहर नवोदय विद्यालय सीतामढ़ी से उतीर्ण हुए. उच्च शिक्षा प्राप्त करने दिल्ली चले गए. जहां किरोड़ी मल कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय से उन्होंने स्नातक व जेएनयू से स्नातकोत्तर की पढ़ाई पूरी की. उन्हें यह पदक छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा पर स्थित कोरागुटा पहाड़ी क्षेत्र में 24 दिन तक चले विशेष नक्सल-विरोधी अभियान का सफल नेतृत्व करने के लिए दिया गया है.
इस अभियान के तहत उनके नेतृत्व में सुरक्षा बलों ने 31 खूंखार नक्सलियों में 16 महिला व 15 पुरुष को मार गिराया. वहीं कई अन्य को घायल घायल कर दिया गया. साथ ही नक्सलियों के भारी मात्रा में हथियार व गोला-बारूद समेत गुप्त ठिकाने को भी नष्ट कर दिया गया. इस अभियान से नक्सल नेटवर्क को झटका लगने के बाद कई उग्रवादी आत्मसमर्पण को मजबूर हो गए. सर्वेश सुमन की गिनती सीआरपीएफ के सबसे साहसी व दक्ष ऑपरेशनल अधिकारियों में की जाती है. फरवरी 2025 में उन्हें कोबरा स्कूल ऑफ जंगल वारफेयर टैक्टिक्स, बेलगाम (कर्नाटक) में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए पुलिस उपमहानिरीक्षक द्वारा “बेस्ट ऑफिसर कमांडो गोल्ड मेडल” से भी सम्मानित किया गया था. इससे पूर्व वे राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) में सात वर्षों तक सेवा दे चुके हैं. उन्होंने देश के कई शीर्ष नेताओं पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, आंध्र प्रदेश, असम व पंजाब के मुख्यमंत्रियों को “जेड प्लस सुरक्षा” प्रदान करने की जिम्मेदारी बखूबी निभा चुके हैं. उन्होंने सिर्फ सुरक्षा अभियानों में ही नहीं,
बल्कि खेल जगत में भी उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है. वे ऑल इंडिया पुलिस गेम्स में एक सिल्वर व चार ब्रॉन्ज मेडल जीतकर एनएसजी का मान बढ़ाया. उनके इस योगदान के लिए उन्हें डीजी एनएसजी डिस्क अवॉर्ड से भी सम्मानित किया गया. गृह मंत्री अमित शाह द्वारा वर्ष 2026 तक देश से नक्सलवाद को समाप्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. ऐसे समय में उनका यह योगदान व सम्मान न केवल उस राष्ट्रीय मुहिम को बल देता है, बल्कि यह साबित करता है कि देश के सीमांत जिलों के युवा भी अपनी वीरता, समर्पण व दक्षता से भारत की आंतरिक सुरक्षा में निर्णायक भूमिका निभा रहे हैं. उनकी यह उपलब्धि गांव समेत प्रखंड व जिले के लिए गौरव की बात है.




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