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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बीएड / डीएलएड छात्रों के लिए किया बड़ा ऐलान

 प्रिंट मीडिया अर्थात अखबार की एक कटिंग सोशल मीडिया पर बड़ी तेजी से वायरल हो रही है जिसकी मुख्य हेडिंग में लिखा है कि शिक्षक भर्ती नियमावली राष्ट्रपति की मंजूरी। जिसके नीचे दूसरी हेडिंग में लिखा है बीएड वालों के लिए खुशखबरी अग्निवीर की तर्ज पर भर्ती। उसके नीचे एक और हेडिंग जिसमें लिखा है 1 सितंबर से नया नियम 10 साल होगी शिक्षक भर्ती।




सोशल मीडिया के फेसबुक प्लेटफार्म पर इस अखबार की कटिंग को कई बेरोजगार अभ्यर्थियों के द्वारा शिक्षक भर्ती की आशा के रूप में बिना इसकी सत्यता को परखे हुए हजारों बार शेयर किया गया है। जिस अभ्यर्थी ने भी इस प्रिंट मीडिया की न्यूज़ को पढ़ा उसके मन में ढेरों सवाल खड़े हो गए पर न्यूज़ की वास्तविकता का पता न चलने के कारण उनके लिए असमंजस की स्थिति ही बनी रही।



बता दें कि आलम यह है कि सोशल मीडिया पर शिक्षक भर्ती होने से जुड़ी कोई भी खबर आने पर बीएड, बीटीसी और डीएलएड अभ्यर्थियों के चेहरे पर असाधारण सी मुस्कान ला देती है। जिसका विशेष कारण है कि लाखों की संख्या में बेरोजगार अभ्यर्थियों का अचयनित होना।



न्यूज़ पी आर मीडिया ने अपनी फैक्ट फाइल टीम के द्वारा इस न्यूज़ कटिंग की असलियत के बारे में पड़ताल की।इस न्यूज़ को गूगल सर्च इंजन के साथ ट्यूटर व्हाट्सएप, यूटयूब और कई फैक्ट फाइल वेबसाइट पर तलाशा गया। जिसके बाद इस कटिंग का खुलासा हो सका।


गौरतलब है कि प्रिंट मीडिया में किसी अखबार की वायरल हो रही यह कटिंग समाचार पत्र के कॉलम, हेडिंग और फोटो के मानक के अनुरूप नहीं है। कटिंग को देख कर पहली नजर में दिख रहा है की कटिंग में दिख रहा फोटो न्यूज़ के सेकंड कॉलम को साइड से ढक रहा है जोकि मानक के अनुरूप नहीं है।


( सरकारी नौकरी की ओर पहला कदम- एनटीटी में प्रथम व दूसरे सत्र के लिए एडमिशन प्रारंभ है) 

दूसरी प्रमुख बात इस खबर की मुख्य हेडिंग को अखबार के बॉर्डर हेडलाइन से ऊपर लिखा गया है जो हर मायने में गलत है ऐसा किसी अखबार में नहीं लिखा जाता। और मुख्य हेडिंग वाक्य व्याकरण के अनुरूप नहीं है जो कि अपने आपमें गलत है।


अखबार की कटिंग में लिखा हुआ कंटेंट पूरी तरह से धूमिल व स्पष्ट है। इसके अलावा आपको यह भी जानना जरूरी है कि किसी भी राज्य अध्यापक सेवा नियमावली में संशोधन संबंधित राज्य के मुख्यमंत्री के द्वारा ही संपादित होता है इसमें राष्ट्रपति की कोई सीधी भूमिका नहीं होती।


इस तरह की न्यूज़ को यूट्यूब के प्लेटफार्म पर केवल लाइक्स और क्लिक बढ़ाने के उद्देश्य से प्रचारित प्रसारित किया जाता है। जिस से संबंधित यूट्यूब चैनल या पेज का रेवेन्यू जेनरेट होता है।


हम आपको बता दें कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रही शिक्षक भर्ती नियमावली से जुड़ी प्रिंट मीडिया कटिंग की यह खबर भ्रामक, असत्य और फर्जी है।



( सीतामढ़ी : डुमरा  कुमार चौक : आज ही कॉल करें । मात्र कुछ सीटें बाकी हैं ।) 


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