पंजाब के कपूरथला आलू फार्म से छुड़वाए गए 9 प्रवासी मजदूर, श्रम अधीक्षक के द्वारा गठित टीम के नेतृत्व में सुरक्षित सीतामढ़ी के मजदूरों की हुई घर वापसी
सीतामढी जिला के सुरसंड के गांव मेघपुर गांव के रहने वाले मजदूरों को पंजाब के कपूरथला के एक आलू फार्म हाउस में ठेकेदार ने बंधक बना रखा था। दो महीने से उन्हें वेतन नहीं दिया गया था और उनसे 16 से 17 घंटे काम लिया जा रहा था। जानकारी मिलते ही श्रम संसाधन विभाग के पदाधिकारियों ने सक्रिय हो कर पंजाब कपूरथला प्रशाशन से समन्वय स्थापित कर उन सभी प्रवासी मजदूरों को मुक्त करवाने की दिशा में सार्थक प्रयास में जुट गई।वही बंधुआ मजदूरों को मुक्त करवाने की दिशा में सीतामढ़ी पुलिस एवं एसोसिएशन फॉर वॉलंटरी एक्शन ( बचपन बचाओ आंदोलन) के द्वारा भी सार्थक प्रयास किया गया । जिसके बाद 9 बंधुआ मजदूरों को मुक्त करवा लिया गया है जिसमें 4 नाबालिग बच्चे भी शामिल है और उनकी सुरक्षित घर वापसी के लिए जन नायक ट्रेन से सकुशल वापसी किया गया, श्रम अधीक्षक सीतामढ़ी श्री रमाकांत, के द्वारा दिनांक 23.11.2024 को श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी, पुपरी, बाजपट्टी रुन्नीसैदपुर एवं एसोसिएशन फॉर वॉलंटरी एक्शन (बचपन बचाओ आन्दोलन) के प्रतिनिधि का विशेष टीम गठित कर विभागीय वाहन से मुजफ्फरपुर स्टेशन से रात्रि में आए श्रमिकों को विशेष टीम ने ट्रेन से लाए जा रहे नाबालिग बच्चों एवं वयस्क मजदूरों को सुरक्षित सीतामढ़ी लाई । उक्त कार्य में समन्वय में श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी चंद्रनाथ राम एवं एसोसिएशन फॉर वॉलंटरी एक्शन ( बचपन बचाओ आंदोलन) के अधिकारी मुकुंद कुमार चौधरी के द्वारा महत्वपूर्ण भूमिका निभाई गई।
उसके बाद 4 नाबालिग बच्चों को बाल कल्याण समिति के समक्ष नियमानुसार प्रस्तुत किया गया एवं 5 प्रवासी मजदूरों मुक्त बंधुआ मजदूरों को सुरक्षित घर तक पहुंचाया गया । मजदूरों के घर वापसी पर सुरसंड के मेघपुर गांव में मजदूरों के परिवार के बीच खुशी की लहर है । मुक्त व्यस्क मजदूरों ने सुरक्षित घर वापसी के लिए जिला प्रशासन एवं पुलिस के प्रति धन्यवाद प्रकट करते हुए कहा कि हमलोग बहुत खुशी महसूस कर रहे है ऐसा लग रहा है की जेल से उबर कर आए है हमलोग प्रशासन को धन्यवाद है उनके सहयोग से सुरक्षित हमलोग की घर वापसी हुई है । वयस्क मजदूरों ने कहा लोग अपने नाबालिग बच्चों को किसी भी ठिकेदार के हाथों मजदूरी करवाने के लिए नहीं सौपे ठेकेदार के द्वारा 8 घंटे की बजाय 16 घंटे काम करवाया जाता था। रोटी खाने के लिए रुपये मांगे जाते तो वह उनसे अमानवीय तरीके से मारपीट और गाली-गलौज करता था और घर वापस नहीं आने देता था इसलिए हमलोग के तरह अन्य लोग भी ठिकेदार के झांसे में ना आए और बच्चों को मजदूरी के लिए नहीं भेजे। लाए गए चार बाल मजदूरों को श्रम संसाधन विभाग द्वारा संचालित योजना यथा तत्काल सहायता राशि, मुख्यमंत्री राहत कोष से पात्रता के अनुसार लाभान्वित किया जाएगा एवं जिला के अन्य विभागों से समन्वय स्थापित कर स्कूल में नामांकन आवास योजना, राशन कार्ड आदि की सुविधा प्रदान की जाएगी भी रक्षित घर वापसी हेतु गठित विशेष टीम में श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी वरुण कुमार, श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी पिंटु कुमार ,श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी पंकज कुमार , एसोसिएशन फॉर वॉलंटरी एक्शन ( बचपन बचाओ आंदोलन) के अधिकारी मुकुंद कुमार चौधरी शामिल थे।
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