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भाजपा व जदयू कार्यकर्ताओं के द्वारा भारत रत्न जन नायक कर्पूरी ठाकुर का 101वां जयंती मनाया

 


( Prime News Reporter) सोनबरसा प्रखंड मुख्यालय स्थित कर्पूरी भवन के सभागार में शुक्रवार को भाजपा व जदयू कार्यकर्ताओं के द्वारा भारत रत्न जन नायक कर्पूरी ठाकुर का 101वां जयंती बड़ी धूमधाम से मनाया गया और तैलीय चित्र पर माल्यार्पण कर पुष्प अर्पित की गई है जयंती समारोह में क्षेत्रीय विधायक गायत्री देवी ने कार्यकताओं को संबोधित करते हुए जननायक के जीवनकाल पर प्रकाश डालते हुए कहा कर्पूरी ठाकुर बिहार और पूरे उत्‍तर भारत की राजनीति में पिछड़ों के उभार की शुरुआत का एक प्रतीक हैं. उन्‍होंने अपने कार्यकाल में कई ऐसे फैसले लिए जिन्‍हें तब की राजनीतिक जमात ने शायद पसंद नहीं किया. यही वजह रही जिसके कारण दो बार राज्‍य का मुख्‍यमंत्री बनने के बाद भी वे कभी अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए.

भारत छोड़ो आंदोलन के समय कर्पूरी ठाकुर ने करीब ढाई साल जेल में बिताया था. इसके बाद कर्पूरी ठाकुर 22 दिसंबर 1970 से 2 जून 1971 और 24 जून 1977 से 21 अप्रैल 1979 के दौरान दो बार बिहार के मुख्यमंत्री पद पर रहे.वही पूर्व विधायक राम नरेश यादव ने कहा कि कर्पूरी ठाकुर को क्यों कहा जाता है जननायक राजनीति के जानकार बताते है कि जननायक कर्पूरी ठाकुर की लोकप्रियता के कारण उन्हें जननायक कहा जाता है. जननायक कर्पूरी ठाकुर भारत के स्वतंत्रता सेनानी, शिक्षक राजनीतिज्ञ और बिहार के दूसरे उपमुख्यमंत्री भी रह चुके हैं. नाई जाति में जन्म लेने वाले कर्पूरी ठाकुर सरल हृदय के राजनेता माने जाते थे. वे सामाजिक रूप से पिछड़ी जाति से जुड़े थे, लेकिन उन्होंने राजनीति को जनसेवा की भावना के साथ जिया था. उनकी सेवा भावना के कारण ही उन्हें जननायक कहा जाता है.वो अंतिम बार सोनबरसा विधानसभा चुनाव 1985 में जीते थे और अपने विधायक कार्यकाल में 64 वर्ष में 17 फरवरी 1988 को अंतिम सांस ली थी। मौके पर जदयू प्रखंड अध्यक्ष गोपी ठाकुर भाजपा मंडल अध्यक्ष सुरज ठाकुर पूर्व मुखिया

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