बिहार के शिक्षकों को ईद फिकी बीती. सरकार के आश्वासन के बाद भी उन्हें वेतन मयस्सर नहीं हुआ. पिछले 3 महीने से वेतन से महरूम है. सरकार की ओर से पर्व से पूरी वेतन भुगतान का आश्वासन भी दिया गया था, लेकिन हरबार की तरह इसबार भी आश्वासन सिफर निकला. इनकी ईद काफी फिकी बीती. वेतन नहीं मिलने से शिक्षकों में आक्रोश है.
बिहार पंचायत नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि कोरोना काल में शिक्षकों से सिर्फ काम कराया जा रहा है. लेकिन उनका और उनके परिवार का जीवन कैसे चलेगा इसके बारे में सरकार नहीं सोच रही है. कोरोना काल में ड्यटी करते हुए अभीतक करीब 27 शिक्षकों की जान चली गयी है.
काफी विषम परिस्थिति में शिक्षक अपनी जान को जोखिम में डालकर काम कर रहे हैं, फिर भी उन्हें समय पर वेतन नहीं मिल रहा है.
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बिहार सरकार ने शिक्षकों के वेतन के लिए राशि का आवंटन भी कर दिया था. शिक्षा विभाग की ओर से इसको लेकर आदेश भी जारी हो गया था. शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने इस बात की घोषणा कर दी थी की बिहार के शिक्षकों को पर्व के पूर्व वेतन का भुगतान कर दिया जाएगा. लेकिन ईद जैसा पर्व बीत चुका लेकिन इनलोगों को वेतन नहीं मिला.
बीते 7 मई को ही शिक्षा मंत्री विजय चौधरी ने कहा था कि बिहार में सभी शिक्षाकर्मियों के बकाए वेतन का भुगतान अगले दो सप्ताह के अंदर हो जाएगा. अल्पसंख्यक विद्यालयों और मदरसों में भुगतान ईद-उल फित्र से पहले करना का प्रयास किया जा रहा है. विभिन्न महाविद्यालयों के शिक्षक और शिक्षकेत्तर कर्मियों के साथ संस्कृत शिक्षण संस्थानों के वेतन और पेंशन की राशि भी आवंटित की गई है.
उन्होंने कहा था कि बिहार के शिक्षकों के वेतन के लिए करीब 1716 करोड़ रुपए की मंजूरी दी गई है. यह राशि केंद्र सरकार के हिस्से की है. अभी की स्थिति में केंद्र से यह राशि मिलने में कठिनाई हो रही थी, इसलिए बिहार सरकार ने अपने कोष से मंजूरी दे दी है. इस राशि से बिहार के करीब 3 लाख शिक्षकों को दो माह का वेतन मिल सकेगा. लेकिन यह घोषणा सिर्फ घोषणा ही रह गया.
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