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संभावित बाढ़ के तैयारी की समीक्षा और दिशानिर्देश - जानिए क्या हैं -? डीएम सीतामढ़ी अभिलाषा शर्मा

 डीएम अभिलाषा कुमारी शर्मा ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संभावित  बाढ़ को लेकर तैयारियो का किया समीक्षा।

वर्षापात एवं नदियों के जलस्तर पर सतत निगरानी का दिया निर्देश।                    

सभी बीडीओ-सीओ को तटबंधों की नियमित निगरानी का दिया निर्देश-----         

मौसम विभाग द्वारा जारी दिशा निर्देश के आलोक में भारी बारिश की संभावनाओं को देखते हुए सर्तक रहने का निर्देश। 

     


     

  सीतामढ़ी।डीएम अभिलाषा कुमारी शर्मा ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संभावित  बाढ़ को लेकर सभी बीडीओ,सीओ आदि के साथ तैयारिय का समीक्षा कर कई आवश्यक दिशा निर्देश दिया है। उन्होंने निर्देश दिया की वर्षापात एवम नदियों के जलस्तर पर सतत निगरानी रखे।सभी बीडीओ-सीओ तटबंधों की नियमित निगरानी करते रहे। उन्होंने कहा की मौसम विभाग द्वारा जारी दिशा निर्देश के आलोक में भारी बारिश की संभावनाओं को देखते हुए सतर्कता बरते। तटबंधों की 24 घण्टे पेट्रोलिंग होनी चाहिये। संचार व्यवस्था को मजबूत करते हुए प्राप्त सूचना पर त्वरित करवाई भी करे। उन्होंने कहा कि नदियों एवम जलजमाव वाले क्षेत्रों में लोग विशेषकर बच्चे नही जाय इसको लेकर व्यापक रूप से लोगो को जागरूक करें। जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि बाढ़ की स्थिति में तटबंधों के भीतर रहने वाले लोगो के निष्क्रमण एवं बचाव हेतु बनी सूक्ष्म योजना की पूर्ण तैयारी रखे ताकि  कम से कम समय मे इसे प्रभावी रूप से लागू किया जा सके। उन्होंने कहा कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में नाव की कमी न हो,इसको लेकर सभी आवश्यक कदम उठाए।उन्होंने कहा कि निजी नाव मालिको से एकरारनामा के आलोक में सभी व्यवस्थाओं का एक बार पुनः अवलोकन कर ले। उन्होंने निर्देश दिया कि बाढ़  राहत कार्य मे लगे यथा सामुदायिक रसोई में लगे शत-प्रतिशत लोग,नाविक सहित सभी कर्मियों को  टीकाकरण हरहाल में करवाना सुनिश्चित करे। जिलाधिकारी ने संभावित बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के परिवारों की डेटा इंट्री एवम सत्यापन तथा पूर्व में छूटे परिवारों के डेटा बेस में इंट्री का भी प्रखंडवार समीक्षा कर  अपर समाहर्ता को कई आवश्यक दिशा निर्देश भी दिए। उन्होंने निर्देश दिया तटबंधों की कटाव या क्षतिग्रस्त होने की सूचना ससमय मिल सके इसको लेकर पुख्ता तैयारी कर ले। उन्होंने कहा कि स्थानीय जनप्रतिनिधियों का भी सहयोग ले। उन्होंने कहा कि जून माह में सामान्य से कुछ अधिक वर्षा होने की संभावना है,इसलिये वेहद सतर्क रहें। उन्होंने कहा कि सभी नगर निकाय  जल निकासी हेतु अन्य वैकल्पिक साधनों को भी तैयार रखे। उन्होंने कहा कि अधिक वर्षापात की स्थिति में जल जमाव वाले क्षेत्रों लोग नही जाए इसको लेकर लोगो को जागरूक भी करे ताकि डूबने की घटना को कम किया जा सके।उन्होंने प्रखंडो में चल रहे सामुदायिक रसोई की भी समीक्षा किया। उन्होंने  पशुचारा,राहत सामग्री की उपलब्धता,मानव एवम पशु दवाआदि की उपलब्धता का भी समीक्षा किया।समीक्षा के क्रम में प्रभारी पदाधिकारी आपदा ने बताया  वर्षापात का दैनिक रूप से में निगरानी की जा रही है, जिला अंतर्गत बहने वाली  नदियों के जलस्तर पर दैनिक रूप से निगरानी रखी जा रही है। जिला स्तर से प्रखंड स्तर एवं पंचायत स्तर तक पदस्थापित कार्यरत पदाधिकारियों, कर्मियों तथा जनप्रतिनिधियों से दूरभाष तथा व्हाट्सएप के माध्यम से संपर्क स्थापित हेतु कम्युनिकेशन प्लान तैयार कर लिया गया है । जिला अंतर्गत 76 सरकारी नाव , एवं 10 इनफ्लैटेबल मोटरबोट उपलब्ध है ।इसके अतिरिक्त 34 निजी नाव मालिकों के साथ भी एकरारनामा कर लिया गया है।  वर्तमान में जिला अंतर्गत कुल 34675 पॉलिथीन शीट्स उपलब्ध है तथा अतिरिक्त 20,000 पॉलीथिन शीट्स की अधियाचना की गई है। राहत सामग्री एवं पशु चारा के लिए निविदा निकाल कर दर तय कर ली गई है। अनुसूचित जाति/जनजाति वनिराश्रित, दिव्यांगों, बीमार व्यक्तियों, गर्भवती महिलाओं एवं धात्री माताओं की सूची तैयार कर सभी आवश्यक तैयारी कर ली गई है।जिला अंतर्गत कुल 226 मानव शरण स्थल एवं 50 पशु आश्रय स्थल चिन्हित कर उन्हें बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से टैग कर लिया गया है। सभी शरणस्थली पर सामुदायिक रसोई के लिए भी आवश्यक तैयारी कर ली गई है, जिले में 4 सेटेलाइट फोन कार्य कर रहा है।  जिला अंतर्गत स्थाई बाढ़ आश्रय स्थल के लिए 10 स्थान चिन्हित किए गए हैं। शुद्ध पेयजल की व्यवस्था सुनिश्चित करने हेतु पंचायतों में क्लोरीन टेबलेट की व्यवस्था के साथ-साथ आवश्यकतानुसार पीएचईडी के माध्यम से सभी शरणस्थलों के चापाकल की जांच भी करा ली गई है । जिला अंतर्गत सदर अस्पताल, अनुमंडल अस्पताल, एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर क्लोरीन टेबलेट, ओआरएस घोल पॉकेट, हाइलोजन टेबलेट, एंटीबॉडी की सुई, एंटीकबॉडी दवाइयां, ब्लीचिंग पाउडर एवं अन्य जीवन रक्षक दवाएं पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। मोबाइल मेडिकल टीम एवं मेडिकल कैंप की रूपरेखा तय कर ली गई है। जिले में दो महाजाल के साथ जनरेटर सेट, पेट्रोमैक्स का आकलन कर मैपिंग कर लिया गया है। जिला अंतर्गत सभी मुख्य सड़क के यातायात के लिए सुगम  है प्रखंड से पंचायतों को जोड़ने वाली क्षतिग्रस्त सड़कों को मरम्मति कर लिया गया है। गृह रक्षा वाहिनी द्वारा राहत एवं बचाव कार्य में प्रशिक्षित 13 गृहरक्षकों तथा मोटर बोट परिचालन में प्रशिक्षित 13 गृहरक्षकों की सूची तैयार कर ली गई है ।एसडीआरएफ की एक यूनिट जिला में प्रतिनियुक्त है, जिसमें 34 कार्यबल उपलब्ध है। प्रशिक्षित गोताखोरों की सूची तैयार कर ली गई है। 10 अंचलों के प्रत्येक पंचायत से 50-50 की संख्या में कुल 3300 युवकों को राहत बचाव कार्य के लिए प्रशिक्षित किया गया है ।इसके अतिरिक्त 200 आपदा मित्र को भी प्रशिक्षित किया गया है। राहत एवं बचाव दल का गठन कर लिया गया है।    उक्त बैठक में ,उप विकास आयुक्त तरनजोत सिंह, अपर समाहर्ता मुकेश कुमार,डीपीआरओ परिमल कुमार, वरीय उप समाहर्ता प्रशांत कुमार, सहित सभी तकनीकी विभागों के अभियंता आदि उपस्थित थे।

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