पशु चिकित्सक, रणनीतिकार एवं सामाजिक न्याय के पुरोधा डॉ राणा जी का निधन
बिहार के सफल राजनीतिज्ञ डॉ रविंद्र कुमार राणा छात्र जीवन से हीं संघर्ष करते हुए, अपनी मेधा के बल पर पशुचिकित्सा महाविद्यालय, पटना में दाखिला लेकर सामंती वर्चस्व को तोड़ते हुये कॉलेज में सामाजिक न्याय स्थापित किये। फिर, लालूजी का सहयोगी बन सर्वहारा सरकार बनाने में अहम भूमिका निभाये।ये विधायक के तौर पर 1995- 2004 तक गोपालपुर विधानसभा से जनप्रतिनिधी रहे फिर, 2004- 2009 तक खगड़िया के सांसद रहे। डॉ राणा वेटरीनरी एसोसिएशन (IVA), नई दिल्ली के अध्यक्ष एवं बिहार वेटरीनरी एसोसिएशन पटना के महासचिव तो छात्र संघ बिहार पशु चिकित्सा महाविद्यालय पटना के अध्यक्ष भी रहे।
बहु आयामी प्रतिभा एवं संघर्ष को अपना जिंदगी बना कर आगे बढ़ने वाले डॉक्टर राणा अपने छात्र जीवन से सामाजिक एवं राजनीतिक जीवन से काफी क्रियाशील थे। छात्र राजनीति में पहला छात्र संघ के महासचिव बने, फिर वे पीछे मुड़कर नहीं देखे।
इनके प्रतिभा के कारण हीं इन्हें छात्र जीवन में विश्वविद्यालय के खर्चे पर भारत से बाहर 25 देशों का शैक्षणिक एवं सामाजिक भ्रमण करने का उत्तरदायित्व दिया गया। ये अपने सेवाकाल में संघ के सामंती वर्चस्व को तोड़कर महासचिव बने जो बाद में ऑल इंडिया के अध्यक्ष भी रहे। डॉ राणा छात्र आंदोलन में माननीय लालू प्रसाद यादव जी को नैतिक, भौतिक एवं आध्यात्मिक सहयोग करते रहे एवं सामाजिक न्याय की लड़ाई में कंधे से कंधा मिलाकर चले, जिसके कारण ही इन्हें चारे घोटाले के कई विलन में इन्हें भी समाहित किया गया।
अगर ये संघ को सपोर्ट करते तो आज देश के महानायक के रूप में पूजे जाते। पर, ये अपनी शक्ति एवं धन को बंचित समाज के उत्थान एवं सामाजिक न्याय की सरकार बनाने में लगाये, इसीलिए इनकी विध्वता को दरकिनार कर सामंती मीडिया विलन के रूप में पेश किया।
पशुचिकित्सक डॉ राणा वर्ष 1990 में बिहार में सामाजिक न्याय एवं धर्मनिरपेक्षता की सरकार गठन में अहम भूमिका में रहे। इस कुशल रणनीतिकार के नेतृत्व में जब देश में सामाजिक न्याय की हवा चली, तो सामंती प्रवृत्ति के लोगों ने एक गहरी साजिश रची। जिसमें माननीय लालू प्रसाद एवं डॉ आर के राणा को फसाया गया। फिर लालू जी के समय के 1990-96 के बीच मात्र 58 करोड़ के निकासी को पूरे ₹950 करोड़ का घोटाला लालू जी के कंधे पर मढ़कर एक घोटाले को जिलेवार 5 ट्रेजरी घोटाला बना सब में डॉ राणा एवं लालूजी को दोषी बना दिया गया, वहीं ज्यादातर निकाशी जगरनाथ मिश्रा के मुख्यमंत्री समय में हुई, पर ब्रह्मानपालिक द्वारा मिश्रा जी को बरी कर दिया गया। वहीँ ट्रेजरी के मालिक तत्कालीन DM एवं बिहार के नितीश जी के कार्यकाल के मुख्य सचिव रहे AK सिन्हा बेदाग रहे। लालूजी के साथ डॉ राणा को भी जेल में काफी यातनाएं दी गई। काफी हंगामा एवं मसक्कत के बाद लालूजी को फिलहाल AIIMS, दिल्ली में भर्ती कर दी गईं। पर, डॉ राणा को रांची जेल से RIMS हॉस्पिटल रांची में दिक्कत की गई। फिर, डॉ राणा को 23 मार्च, 2022 को एयरलिफ्ट कर एम्स ले जाया गया जहाँ इनका निधन हो गया।
आपके निधन से पूरे वेटरिनरी परिवार की ही क्षति नहीं हुई, बल्कि सामाजिक लडाई में लगे सारे देशवासी को नुकसान हुआ है एवं कमजोर वर्ग के सभी लोग आपके निधन के कारण शोक में व्यथित हैं।😭😭😭 🙏🙏🙏🙏🙏
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