बीएसएल के विस्थापितों के समक्ष जीवन मरण की भारी समस्या न्याय को भटक रहे हैं लगभग 50 से 60 सालों से
वरीय संवाददाता विकास प्रसाद की खास रिपोर्ट
बाइट -प्रभाकर साहू -ग्राम -भतुआ थाना -हरला जिला बोकारो
1. धरनीधर शर्मा 2. बाबुलाल माहथा 3. राजेन्द्र माहथा को पहले काण्ड्रा पुनर्वास साईट में पुनर्वास प्लाट मिला हुआ है जिसपर वर्तमान में तीनों घर बनवाकर रहे हैं, इन तीनों को पुनः गोपीडीह पुनर्वास साईट में 10 -10 डिसमील मोटा रकम का लेन देन करते हुए दिया गया है.
ये तिनो ही मौजा सांगजोरी के विस्थापित हैं.
मौजा नरकेरा में cricket Stadium के लिए आवंटित 25 एकड़ जमीन जब पूर्व से B S L को आवंटित है ,फिर किस परिस्थिति में विशेष भू-अजर्न कार्यालय द्वारा 05एकड जमीन का NOC मो० अख्तर वगैरह के नाम निगत किया गया । दोषी कमियों को अबतक चिन्हित किया गया अथवा नहीं
आनन्द महतो पिता स्व० पचन महतो पंचायत अरजुआ पखड पेटरवार द्वारा उपायुक्त बोकारो / डी पी एल आर बोकारो को आवेदन पत्र समर्पित कर उनके पिता मताल महतो S/o स्व रिझु महतो का नाम सवे' आवंटन पंजी के पृष्ठ स० 97 के क्रम स० 1228 पर काटकर खडरू महतो S/O स्व रिझु महतो कर दिया गया है । आवेदक न्याय हेतु भटक रहा है ।Mob No 9631911218
चंद्रिका साव पिता खेतु साव को भू-अजर्न वाद स० 2981/95_96 में मौजा मानगो में अर्जित रकवा 06 डी० जमीन एवं मकान के बदले DPLR द्वारा 10 डी० जमीन आवंटित किया गया है । पुनः मोटी रकम प्राप्त कर उसी व्यक्ति को भू अर्जनवाद स० 18/62-63 मौजा केनारी में मात्र अर्जित रकवा 04 डी० जमीन एवं मकान दिखाकर SLO के सत्यापन पर DPLR द्वारा 10डी० जमीन आवंटित कर दिया गया ।
विस्थापित आवेदक द्वारा शिकायत संज्ञान में दिया गया
प्रभाकर साहु ग्राम भतुआ पोस्ट बेदमारा थाना हल्ला बोकारो ने आपको आवेदन पत्र समर्पित कर शिकायत दर्ज कराया है कि मौजा भतुआ के रैयती जमीन का BSL के लिए वर्ष1969 & 1980 में एवं G M Land का 1984 में कुल 846.42 एकड़ का अधिग्रहण कार्य पूर्ण कर लिया गया । पुनः फर्जी तरीके से मोजा भतुआ में पंचाट स० 579 &289 वर्ष 1994 में बनाकर करोड़ों रूपये फर्जी मुआबजा भुगतान का प्रयास विशेष भू-अजर्न कार्यालय के विशेष भू अर्जन पदाधिकारी श्री जेम्स सुरीन
एवं BSL के कुछ पदाधिकारियों द्वारा किया गया । आवेदक का Mobile No 9939305758
पानु महतो के नाम से पूर्व में पचा' निगत है अर्थात चुडिया कोयरीन का पचा गलत निगत हुआ है ।
इसके अलावे खम्हारबेंदी मौजा में पुनर्वास के लिए LA Case No -119/63-64 पंचाट सं -04,i 05 में रकवा -15एकड 90 डिसमील तथा 02एकड अधिग्रहित जमीन को अन- अधिग्रहण दिखलाकर करोड़ों का लेन देन करते हुए NOC निर्गत किया गया है.
यह सारा खेल डी पि एल आर एवं विशेष भू अर्जन कार्यालय के पदाधिकारी एवं कर्मचारियों के मिलीभगत से हो रहा है
1,2 कर्मचारी ऐसे हैं जो विगत वर्षों से जमे हुए हैं एवं वहां के अधिकारी को अपने प्रभाव में रखकर सारा खेल खेला जा रहा है
विस्थापितों के पुनर्वास के लिए बीएसएल द्वारा 3000 एकड़ भूमि चिन्हित किया गया था जिसको इन लोगों ने भूमि माफियाओं के हाथ में बेचने का काम किया और विडंबना यह है कि अभी तक आधा विस्थापितों का पुनर्वास भी नहीं मिला और सारी जमीनें खत्म हो गई यह सवालिया निशान और प्रश्नचिन्ह खड़ा करता है जबकि बिहार सरकार द्वारा विस्थापितों को 10 से 12 डिसमिल तक देने का प्रावधान बनाया गया थ उसके बावजूद इन लोगों ने हर पर्चा धारी से कम से कम डेढ़ से 2 एकड़ देने का काम किया है जो कि नियम के विरुद्ध है और वह भी बहुत मोटी रकम लेकर जिसके चलते भारत सरकार एवं राज्य सरकार को भारी राजस्व का नुकसान उठाना पड़ा है और इसकी जांच सीबीआई या पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता में कराई जाए जिससे दूध का दूध और पानी का पानी हो सके विस्थापितों एवं ग्रामीणों का कहना है
जिसकी सूचना मुख्य सचिव झारखंड एवं उपायुक्त बोकारो एवं सचिव उद्योग विभाग पूर्व श्रीमती पूजा सिंघल को दिया गया था
इस संबंध में स्थानीय विधायक श्री लंबोदर महतो जी ने भी विधानसभा में यह मामला उठाने का काम किया था जिसको भी ठंडे बस्ते में डाल दिया गया आज तक किसी प्रकार की जांच नहीं हुई जिसका नतीजा यह हो रहा है करोड़ों रुपए की भारत सरकार एवं राज्य सरकार को राजस्व का नुकसान हो रहा है
स्थानीय ग्रामीणों के द्वारा बताया गया कि पदाधिकारी जेम्स सुरीन को पूर्व उद्योग सचिव श्रीमती पूजा सिंघल का वरदहस्त प्राप्त था एवं राजनेता का संरक्षण भी प्राप्त था जिसके वजह से इस तरह का खेल खेला जा रहा था जबकि इसके पहले उस समय के उपायुक्त श्री राजेश सिंह जी के द्वारा विशेष भू अर्जन से पदाधिकारी जेम्स सुरेन प्रभाव से हटा दिया गया था उसके बावजूद भी इन्होंने चार्ज नहीं देने का काम किया और आज तक उसी पद पर पदस्थापित है और अपने कार्यों को अंजाम दे रहे हैं जिसके वजह से राज्य एवं भारत सरकार को करोड़ों का नुकसान हो रहा है और विस्थापितों की कोई सुनने वाला नहीं है जिसके वजह से विस्थापितों के पास जीवन मरण की स्थिति उत्पन्न हो गई है जो कि एक जांच का विषय बनता है
विस्थापितों के द्वारा बताया गया कि पूर्व उद्योग सचिव श्रीमती पूजा सिंघल का भी संरक्षण प्राप्त था विशेष भू अर्जन पदाधिकारी श्री जेम्स सुरीन को
इस बाबत केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री भारत श्री रामदास अठावले के द्वारा मुख्यमंत्री झारखंड ,मुख्य सचिव झारखंड एवं उपायुक्त बोकारो को चिट्ठी लिखकर श्री रामदास अठावले जी के द्वारा अनुरोध किया गया था की इस मामले में बीएसएल एवं स्थानीय झारखंड सरकार के साथ समन्वय बनाकर विस्थापितों के साथ उचित न्याय किया जाए लेकिन केंद्रीय मंत्री भारत सरकार की भी चिट्ठी को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया
स्थानीय विधायक श्री लंबोदरi महतो के द्वारा विधानसभा में इस मामले को उठाने का काम किया गया लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई जिसके वजह से विस्थापितों को जीवन मरण की स्थिति उत्पन्न हो गई है
जब स्थानीय विधायक एवं सांसदों की बात नहीं सुनी जाती है तो बेचारे लाचार मजबूर विस्थापित की बात कौन सुनेगा यह एक बहुत ही बड़ा प्रश्न चिन्ह है कर्मचारियों एवं पदाधिकारियों का इतना दबदबा है की जो चुने हुए जनप्रतिनिधि हैं उनके भी बात को ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि इन लोगों की पहुंच कहां कहां तक है 64 गांव के जो विस्थापित है उनके सामने भयावह स्थिति उत्पन्न हो गई है ना उन्हें नियोजन मिल रहा है ना ही उन्हें पुनर्वास मिल रहा है और ना ही उन्हें मुआवजा मिल रहा है
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