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प्रभारी जिला शिक्षा पदाधिकारी सह मध्यान भोजन के डी पी ओ संजय कुमार देव कन्हैया को निगरानी की टीम ने रंगे हाथ गिरफ्तार किया

सीतामढ़ी प्राइम न्यूज़ रिपोर्टर:  सीतामढ़ी से जहां रिश्वतखोर प्रभारी जिला शिक्षा पदाधिकारी सह मध्यान भोजन के डी पी ओ संजय कुमार देव कन्हैया को निगरानी की टीम ने रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। बताया जा रहा है कि यह भ्रष्ट अधिकारी एक आरोपी शिक्षक को जांच में क्लीन चिट देने के बदले रूपये ले रहा था तभी निगरानी ने दबोच लिया।

रिश्वतखोर प्रभारी जिला शिक्षा पदाधिकारी सह मध्यान भोजन के डी पी ओ संजय कुमार देव कन्हैया एक आरोपी शिक्षक को जांच में क्लीन चिट देने को लेकर उससे पचास हजार रिश्वत ले रहा था इसी दौरान निगरानी के अधिकारियों ने उसे दबोच लिया। निगरानी की टीम के द्वारा बिछाए गए जाल में फंस गए और उनको गिरफ्तार कर लिया गया । बतादे कि अभी हाल ही में डी पी ओ कन्हैया को जिला शिक्षा पदाधिकारी का अतिरिक्त प्रभार मिला था।

डीपीओ मध्याह्न भोजन कन्हैया को निगरानी की टीम ने रिश्वत लेते किया गिरफ्तार

सीतामढ़ी - गुरुवार को निगरानी अन्वेषण मुख्यालय की टीम ने रितेश कुमार बीआरपी सुप्पी की शिकायत पर निगरानी थाना कांड सं 13/23 दिनांक 15 मार्च 23 में जिला कार्यक्रम पदाधिकारी मध्याह्न भोजन संजय कुमार देव कन्हैया को उनके कार्यालय से 50 हजार रुपए के साथ रंगे हाथों गिरफ्तार किया। निगरानी की टीम डीपीओ कन्हैया को अपने साथ सीतामढ़ी परिसदन में ले गई। पुछताछ के उपरांत मुजफ्फरपुर स्थित माननीय न्यायालय निगरानी में उपस्थापित किया जायेगा।

मध्याह्न भोजन कार्यालय में पदस्थापित एकाउंटेंट शम्भू कुमार ने बताया कि सुबह 9.34 से 9.44 तक कार्यालय का सीसीटीवी कैमरा बंद था। उसके बाद जिस समय घटना हुआ उस समय 1.22 से 1.32 तक कार्यालय का सीसीटीवी कैमरा बंद मिला। ऑफिस का सीसीटीवी कैमरा घटना के समय चालू रहता तो दूध का दूध पानी का पानी हो जाता। वहीं आदेशपाल मनोज कुमार चौधरी ने कहा कुछ लाग आये पुछे साहब है। दो लोग इन्हें दोनों तरफ से पकड़े थे। पैसा पकड़ने को कह रहे थे।

मौके पर पहुंचे दर्जनों शिक्षकों ने रिश्वत की बात को झूठा बताया शिक्षकों का आरोप है कि रितेश कुमार के खिलाफ जांच चल रहा है। रितेश ने करोड़ों रुपए फर्जी हस्ताक्षर कर निकाले हैं जिसकी जांच डीपीओ भी कर रहे थे। जिसको लेकर रितेश ने जबरन डीपीओ के खिलाफ शिकायत कर फसाया है और रितेश ने जबरन 50 हजार रुपए डीपीओ के डोल में रख दिए थे। इसके बाद निगरानी की टीम ने डीपीओ को गिरफ्तार कर लिया।

निगरानी के प्रेस रिलीज में कहा गया कि परिवादी रितेश रंजन ने शिकायत दर्ज कराई थी कि अवैध निकासी के आरोप के सम्बंध में मांगे गये स्पष्टीकरण पर दोषमुक्त करने के लिए डीपीओ द्वारा रिश्वत की मांग की जा रही है। ब्यूरो द्वारा आरोप सही जाने पर पुलिस उपाधीक्षक राजीव कुमार सिंह के नेतृत्व में धावा दल डीपीओ को रंगे हाथ गिरफ्तार किया।

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