{ Prime news reporter} BPSC ने NCTE से संबंधित संस्थान से प्रशिक्षण करने वाले छात्र का वर्ष वार सूची मांगा है।यदि संबंधित सूची में छात्र इनरौल रहेंगे तो उसे सही माना जायेगा अन्यथा फेक माना जायेगा।*
क्योंकि बहुत से छात्र प्राइवेट विश्वविद्यालय से छठे चरण / सातवे चरण में BPSC से शिक्षक बन बैठे हैं।
अब जिन शिक्षक का नामांकन प्राइवेट विश्वविद्यालय में एक सौ नम्बर के अंदर रहेंगे उसका तो NCTE के सूची में नाम मिल रहा है लेकिन जिन शिक्षक का नामांकन एक सौ से बाहर के सीट पर दलाल के माध्यम से हुआ है उसका सूची NCTE के वेबसाइट पर नहीं मिल रहा है।
आमतौर पर होता ये है कि निजी विश्वविद्यालय में एक सौ सीट रहता है और वह एक हजार से दस हजार अभ्यर्थी को डिग्री बांट देता है अब जिन शिक्षक का नामांकन एक सौ के अंदर रहता है वह तो ठीक रहता है।
जिनका एक सौ से बाहर का रहता है वह फेक माना जाता है।
पहले प्रायः ऐसा होता था कि डीईओ ऑफिस से संबंधित प्राइवेट संस्थान में डिग्री भेजकर जांच किया जाता था तो प्राइवेट विश्वविद्यालय उसे ओके कर भेज देता था
*लेकिन अब किसी ने BPSC का आँख खोल दिया है अब BPSC संबंधित संस्थान के उक्त सत्र के 100 अभ्यर्थी का सूची NCTE से प्राप्त कर जांच कर रही है जिनसे बहुत से बहाल शिक्षक अभ्यर्थी का डिग्री फेक पाया जा रहा है उनपर FIR के साथ-साथ उन्हें BPSC पांच साल के लिए परीक्षा से वंचित भी कर रहा है।*
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