सक्षमता परीक्षा पास 23,801 शिक्षकों के प्रमाणपत्र पाये गये हैं संदिग्ध
48 हजार से अधिक शिक्षकों को काउंसेलिंग का फिर से मौका
PRIME NEWS REPORTER:
प्रदेश के 48 हजार से अधिक सक्षमता परीक्षा पास नियोजित शिक्षकों को फिर से काउंसिलिंग का मौका शिक्षा विभाग देगा. शिक्षा विभाग ने इस संबंध में आधिकारिक निर्णय ले लिया है. शिक्षा विभाग के माध्यमिक शिक्षा निदेशक योगेंद्र सिंह ने गुरुवार को इस संबंध में जरूरी आदेश भी जारी कर दिये हैं. जानकारी के अनुसार सक्षमता परीक्षा उत्तीर्ण एक लाख 87 हजार शिक्षकों की काउंसिलिंग होनी थी. इनमें से 48184 की काउंसिलिंग विभिन्न कारणों से अधूरी रह गयी है. इनमें 3366 ऐसे थे, जो उपस्थित ही नहीं हुए थे. वहीं 23,801 शिक्षकों के प्रमाणपत्र संदिग्ध पाये गये हैं, उन्हें सही प्रमाणपत्र पोर्टल पर अपलोड करने के लिए बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की तरफ से सॉफ्टवेयर में विकल्प प्रदान किया जायेगा. साथ ही पोर्टल पर शिक्षक की तरफ से पहले अपलोड किये गये प्रमाणपत्र वैसे ही रखे जायेंगे. वहीं, ऐसे 9966 शिक्षक हैं, जो किसी न किसी प्रमाणपत्र की मूल प्रति प्रस्तुत नहीं कर सके हैं. उन्हें भी प्रमाण पत्र की मूल प्रति प्रस्तुत करने के लिए मौका दिया जायेगा.
शिक्षकों के प्रमाणपत्र प्रथम दृष्टया फर्जी पाये गये हैं. इनके प्रमाणपत्रों का सत्यापन विभाग के स्तर से गठित समिति करने जा रही है. समिति अपनी जांच रिपोर्ट संबंधित निदेशालय को सौंपेगी. इसके बाद निदेशालय की तरफ से आगामी निर्णय लिया जायेगा. 10,219 ऐसे शिक्षक हैं, जिनका काउंसिलिंग के दौरान बायोमेट्रिक सत्यापित हुए, परंतु नाम और जन्मतिथि में अंतर पाया गया था. कुछ में आधार संख्या गलत लिखी हुई थी. ऐसे शिक्षकों को अपने आवंटित जिले के जिला शिक्षा पदाधिकारी को आवेदन देंगे. शिक्षकों के आवेदन के आधार पर संबंधित जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) द्वारा संशोधित नाम, जन्मतिथि, आधार संख्या और मोबाइल नंबर को बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के पोर्टल पर अपलोड किया जायेगा. जिला कार्यक्रम पदाधिकारी द्वारा की गयी कार्रवाई का सत्यापन जिला शिक्षा पदाधिकारी के द्वारा किया जायेगा.
पटना. सक्षमता परीक्षा पास करने वाले नियोजित शिक्षक अपने पहले से आवंटित जिलों से संतुष्ट नहीं है, तो वह अपने दूसरे ऑप्शन दे सकते हैं. विभाग इस संदर्भ में विचार कर रहा है. हालांकि इस बारे में आधिकारिक निर्णय अभी होना बाकी है. दरअसल नयी पॉलिसी के तहत सक्षमता परीक्षा पास 1.81 लाख शिक्षकों की विशिष्ट शिक्षक के पद पर नियुक्ति होनी है. इसमें ऐसे शिक्षकों की संख्या अच्छी खासी हो सकती है, जो अपने तबादले के लिए नया विकल्प दे सकते हैं. सूत्रों के अनुसार सक्षमता परीक्षा के समय शिक्षकों से तीन जिलों के विकल्प पहले से नियुक्ति के लिए आवंटित जिलों से संतुष्ट नहीं हैं, तो दे सकते हैं अन्य विकल्प लिये गये थे. इसलिए उन्हें अतिरिक्त विकल्प देने पर विचार किया जा रहा है. इसके अलावा नयी शिक्षा नीति के तहत होने वाले पदस्थापन के समय सक्षमता उत्तीर्ण शिक्षक अगर जिलों का कोई विकल्प नहीं देते हैं तो वह अपने पुराने जिले में ही रह जायेंगे. इससे पहले ही विभाग साफ कर चुका है कि बिहार लोक सेवा आयोग से पहली और दूसरी परीक्षा पास कर चुके विद्यालय अध्यापक चाहें तो तबादले के लिए आवेदन दे सकते हैं. जानकारी के अनुसार आवेदन में दिये जाने वाले विकल्प के आधार पर स्थानांतरण और पदस्थापन वाले स्थान पर आवंटन सॉफ्टवेयर रेंडमाइजेशन के जरिये किया जायेगा. बता दें कि अभी तक सॉफ्टवेयर निर्माण की कवायद जारी है. इसे पूरा होने में कुछ समय लग सकता है.
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