
( प्राइम न्यूज़ रिपोर्टर) सुरसंड. अवैध रूप से मां जानकी हॉस्पिटल का संचालन करने के आरोप में सोमवार को गिरफ्तार किए गए डॉ मनोज कुमार के विरुद्ध सीएचसी प्रभारी डॉ आरके सिंह के लिखित वयान पर बिहार नैदानिक स्थापना अधिनियम 2013 के अंतर्गत भारतीय दंड विधान के सुसंगत धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज करते हुए न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. दर्ज प्राथमिकी के अनुसार मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी सीतामढ़ी के निर्देश पर पुपरी के एसडीओ मो इश्तेयाक अली अंसारी, डीएसपी सह एसडीपीओ विनोद कुमार, थानाध्यक्ष राजकिशोर सिंह व सीएचसी प्रभारी डॉ आरके सिंह द्वारा मां जानकी हॉस्पिटल में की गयी छापेमारी के दौरान तीन सिजेरियन महिला मरीज भर्ती पाया गया. जिसे सीतामढ़ी सदर अस्पताल भेज दिया गया. ऑपेरशन थिएटर में डॉ का चेंबर, न्यू बॉर्न इंटेनशिव केयर यूनिट (एनआईसीयू), ओटी में ऑपरेशन करने का सामान व प्रतिबंधित दवा भी पाया गया. जिसकी जांच औषधि निरीक्षक से कराने का आग्रह किया गया है. डॉक्टर के टेबल पर एक पैड पाया गया जिस पर एमबीबीएस डिग्रीधारी चिकित्सक डॉ अरुण कुमार ठाकुर, डॉ रवि कुमार, डॉ मनोज कुमार, डॉ सीमा कुमारी व बीएएमएस डिग्रीधारी डॉ बुसरा नाज व बीएएमएस डिग्रीधारी डॉ युसरा नाज का नाम अंकित पाया गया.

विदित हो कि 20 दिसंबर 2022 को डॉ मनोज कुमार के न्यू बाइपास चौक के समीप स्थित कुंती हॉस्पिटल में छापेमारी की गयी थी. जिसमें चार सिजेरियन महिला को बरामद करते हुए सीतामढ़ी रेफर कर दिया गया था. डॉ मनोज कुमार को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था. डॉ मनोज ने 31 मार्च 2023 को पुपरी में कार्यपालक पदाधिकारी से शपथ पत्र बनवाया था, जिसमें निबंधन कराने के पश्चात ही कुंती हॉस्पिटल का संचालन करने की शपथ ली थी. इसी शपथ पत्र के आधार पर कुंती हॉस्पिटल को शीलमुक्त किया गया था. पर डॉ मनोज ने किराए के मकान में चल रहे कुंती हॉस्पिटल को छोड़ स्थान व हॉस्पिटल का नाम परिवर्तित करते हुए एसएच 87 के किनारे स्थित अपने निजी मकान में चोरी चुपके प्रशासन के आंख में धूल झोंककर मां जानकी हॉस्पिटल का संचालन करते रंगे हाथों पकड़ लिए गए.
0 Comments